पाठ – 10
In this post we have given the detailed notes of class 12 geography chapter 10 Manav basti (Human Settlements) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 12 board exams.
इस पोस्ट में क्लास 12 के भूगोल के पाठ 10 मानव बस्ती (Human Settlements) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 12 |
Subject | Geography |
Chapter no. | Chapter 10 |
Chapter Name | मानव बस्ती (Human Settlements) |
Category | Class 12 Geography Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
- 1. पाठ – 10
- 2. मानव बस्ती
- 3. मानव बस्तियों का विभाजन (स्थिति के आधार पर)
- 4. मानव बस्तियों का विभाजन (बनावट के आधार पर)
- 5. ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप
- 6. ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले कारक
- 7. ग्रामीण बस्तियों की समस्याएं
- 8. नगरीय बस्तियां
- 9. नगरीय बस्तियां
- 10. नगरीय बस्तियों के प्रकार
- 11. नगरीय बस्तियों के प्रकार
- 12. विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याएं
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- मानव बस्ती उस क्षेत्र को कहा जाता है जहां पर मानव स्थाई रूप से बसा हुआ हो
- दूसरे शब्दों में वह क्षेत्र जहां पर लोग स्थाई रूप से रहते हैं एवं अपना जीवनयापन करते हैं मानव बस्तियां कहलाता है
- मानव बस्तियों को मुख्य रूप से दो आधारों पर बांटा जाता है
- स्थिति के आधार पर
- बनावट के आधार पर
स्थिति के आधार पर मानव बस्तियों का विभाजन मुख्य रूप से ग्रामीण बस्तियों एवं नगरीय बस्तियों में किया जाता है।
नगरीय और ग्रामीण बस्तियों का विभाजन
- नगरीय और ग्रामीण बस्तियों का विभाजन करने के लिए कोई स्पष्ट मापदंड नहीं है
- इन्हें मुख्यता जनसंख्या के आकार एवं उसके व्यवसाय के आधार पर निर्धारित किया जाता है
ग्रामीण बस्तियां
- वह बस्तियां जो आकार में छोटी होती हैं एवं जहां के निवासी मुख्य रूप से प्राथमिक कार्यो जैसे कि कृषि, पशुपालन, मछली पालन आदि से जुड़े होते हैं ग्रामीण बस्तियां कहलाती हैं
नगरीय बस्तियां
- वह बस्तियां जिनकी जनसंख्या अधिक होती है एवं जहां पर अधिकांश लोग द्वितीयक (उत्पादन) और तृतीयक क्षेत्र (सेवा क्षेत्र) में कार्यरत होते हैं नगरीय बस्तियां कहलाती हैं
- बनावट के आधार पर बस्तियों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है
संहत बस्ती
- इस प्रकार की बस्तियों में मकान एक दूसरे के पास पास बसे होते हैं
- यह मुख्य रूप से उपजाऊ मैदानी भागों में विकसित होती हैं
- यहां रहने वाले समुदाय के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं
प्रकीर्ण बस्तियां
- इन बस्तियों में मकान दूर दूर होते हैं
- मकानों के बीच में बड़े बड़े खेत होते हैं इस वजह से मकान एक दूसरे से दूर दूर होते हैं
- कोई एक सांस्कृतिक स्थल, पूजा स्थल या बाजार इन बस्तियों को एक साथ बांधता है
ग्रामीण बस्तियां
- वह बस्तियां जो आकार में छोटी होती हैं एवं जहां के निवासी मुख्य रूप से प्राथमिक कार्य जैसे कि कृषि, पशुपालन मछलीपालन आदि से जुड़े होते हैं ग्रामीण बस्तियां कहलाती हैं
ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप
- ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप यह दर्शाते हैं कि बस्ती में मकानों की स्थिति किस प्रकार है
- ग्रामीण बस्तियों का वर्गीकरण मुख्य रूप से तीन आधारों पर किया जाता है
- विन्यास के आधार पर
- कार्य के आधार पर
- आकृति के आधार पर
विन्यास के आधार पर
- मैदानी ग्राम
- पठारी ग्राम
- तटीय ग्राम
- वन ग्राम
- मरुस्थलीय ग्राम आदि
कार्य के आधार पर
- कृषि ग्राम
- मछुआरों के गांव
- लकडहारो के गांव
- पशुपालक ग्राम आदि
आकृति के आधार पर
रेखिक प्रतिरूप
- इस प्रकार की बस्तियों में मकान सड़को, रेलवे लाइनों, नदियों आदि के किनारे सीधी रेखा में बने होते हैं
आयताकार प्रतिरूप
- इस प्रकार के प्रतिरूप में सड़के आयताकार होती हैं और एक दूसरे को समकोण पर काटती हैं इन्हीं सड़कों के चारों तरफ बस्तियों का विकास होता है
वृत्ताकार प्रतिरूप
- इस प्रकार की बस्तियां गांव में झीलों और तालाबों आदि के चारों ओर विकसित होती हैं
- कभी-कभी ऐसी बस्तियों को योजनानुसार भी बसाया जाता है ताकि बीच का क्षेत्र खाली रहे और पशुओं को रखने के काम आए
तारे के आकार का प्रतिरूप
- जहां पर कई सड़कें एक साथ आकर मिलती हैं वहां पर इस प्रकार की बस्तियां पाई जाती हैं यह सभी बस्तियां उन सड़कों के आसपास विकसित होते हैं
टी आकार का प्रतिरूप
- टी आकार के प्रतिरूप में बस्तियां सड़क के तिराहे पर विकसित होती
वाई आकार का प्रतिरूप
- वाई आकार की बस्तियां उन क्षेत्रों में पाई जाती हैं जहां दो रास्ते आकर तीसरे रास्ते से मिलते हैं
क्रॉस आकार का प्रतिरूप
- क्रॉस आकार की बस्तियां चौराहों पर विकसित होती हैं
- नदी पर पुल के दोनों और इस तरह की बस्तियों का विस्तार होता है
ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले कारक
जल की आपूर्ति
- ग्रामीण बस्तियाँ मुख्य रूप से जल के स्त्रोतों के आसपास विकसित होती है ताकि लोगों को आसानी से जल उपलब्ध हो सके एवं वह अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें
भूमि
- मानव बस्तियां सदैव उपजाऊ भूमि के आसपास ही विकसित होती है क्योंकि ऐसी भूमि में कृषि करना सरल रहता है
उच्च भूमि क्षेत्र
- मानव बस्तियां मुख्य रूप से उच्च भूमि क्षेत्र में विकसित होती है ताकि बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय होने वाले नुकसान से बचा जा सके
ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले कारक
गृह निर्माण सामग्री
- बस्तियों को बसाने के लिए गृह निर्माण सामग्री जैसे की लकड़ी, पत्थर आदि की जरूरत होती है इसीलिए मनुष्य उसी क्षेत्र में बस्तियां बसाता है जहां पर इन सब की उपलब्धता होती है
सुरक्षा
- मानव बस्तियों के विकास के लिए हमेशा एक सुरक्षित क्षेत्र को चुनता है ताकि वह सुखद जीवन जी सके
ग्रामीण बस्तियों की समस्याएं
- पीने के पानी की समस्या
- बाढ़ एवं सूखे की समस्या
- सिंचाई के साधनों का अभाव
- शौचालय की समस्या
- कूड़ा निपटान की समस्या
- कच्चे मकान होने की वजह से वर्षा के दौर में समस्याएं
- कच्ची सड़के
- स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव (हैजा, पीलिया जैसी बीमारियां)
नगरीय बस्तियां
- वह बस्तियां जिनकी जनसंख्या अधिक होती है एवं जहां पर अधिकांश लोग द्वितीयक (उत्पादन ) और तृतीयक क्षेत्र (सेवा क्षेत्र) में कार्यरत होते हैं नगरीय बस्तियां कहलाती हैं
- इसी आधार पर इन्हें अलग-अलग भागों में बांटा जाता है
प्रशासनिक नगर
- एक देश की राजधानी जहां पर केंद्रीय सरकार के प्रशासनिक कार्यालय होते हैं उन्हें प्रशासनिक नगर कहा जाता है
- उदाहरण के लिए दिल्ली, कैनबरा, बीजिंग, वॉशिंगटन डीसी आदि
नगरीय बस्तियां
व्यापारिक एवं व्यवसायिक नगर
- व्यापारिक एवं व्यवसायिक नगर उन क्षेत्रों को कहा जाता है जहां मुख्य रूप से व्यापार एवं व्यवसाय से संबंधित कार्य किए जाते हैं
- उदाहरण के लिए फ्रैंकफर्ट, एमस्टरडम, मैनचेस्टर, लाहौर, आगरा आदि
सांस्कृतिक नगर
- ऐसे क्षेत्र जिनका सांस्कृतिक महत्व होता है उन्हें सांस्कृतिक नगर कहा जाता है
- उदाहरण के लिए तीर्थ स्थान जैसे जेरूसलम, मक्का, जगन्नाथपुरी, बनारस आदि
नगरीय बस्तियों के प्रकार
नगरीय बस्तियों को उनके आकार, वहां पर उपलब्ध सुविधाओं और उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के अनुसार अनेकों भागों में बांटा जाता है
शहर
- शहर मुख्य रूप से एक विकसित नगर होता है
- यहां पर मुख्य रूप से सभी लोग द्वितीय एवं तृतीय क्रियाओं में लगे होते हैं
- यहां पर मुख्य वित्तीय संस्थान, प्रशासनिक कार्यालय या यातायात के केंद्र होते हैं
- इनकी जनसंख्या गांव के मुकाबले अधिक होती है
सन्न नगर
- सन्न नगर इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1915 में पैट्रिक गेडीस द्वारा किया गया था
- यह विशाल एवं विकसित नगरीय क्षेत्र होते हैं जो अलग-अलग नगरों और शहरों के आपस मिलने के कारण बनते हैं
- इसके मुख्य उदाहरण लंदन,, मैनचेस्टर,, शिकागो एवं टोक्यो है
नगरीय बस्तियों के प्रकार
विश्व नगरी
- इन्हें अंग्रेजी में मेगालोपोलिस कहा जाता है जिसे यूनानी भाषा से लिया गया है
- यह बड़ा महानगर होता है जिसमें अनेकों सन्न नगरों का समूह होता है
- उदाहरण के लिए अमेरिका का बोस्टन एवं वाशिंगटन
मिलियन सिटी
- जब एक नगर की जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा हो जाती है तो इसे मिलियन सिटी कहा जाता है
- 1800 में लंदन विश्व की पहली मिलियन सिटी बना था
- लंदन के अलावा विश्व में पेरिस और न्यूयॉर्क जैसी मिलियन सिटी है
मेगासिटी
- ऐसे क्षेत्र जहां की जनसंख्या 1 करोड़ से अधिक होती है मेगासिटी कहलाते हैं
- न्यूयॉर्क 1950 में विश्व की प्रथम मेगासिटी बना था
विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याएं
- अनियोजित शहर
- आर्थिक समस्याएं
- पर्यावरण संबंधी समस्या
- जाम की समस्या
- मलिन बस्तियां (स्लम एरिया)
- सामाजिक एवं सांस्कृतिक समस्या
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Nice
Best notes for study