CH – 3
Iswaran The Storyteller
In this post, we have given the summary of the chapter 3 “Iswaran The Storyteller”. It is the 3rd chapter of the prose of Class 9th CBSE board English.
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 9 |
Subject | Moments |
Chapter no. | Chapter 3 |
Chapter Name | Iswaran The Storyteller |
Category | Class 9 English Notes |
Medium | English |
Chapter 3 Iswaran The Storyteller
-by RK Laxman
Job of Mahendra
Mahendra was a junior construction supervisor in a firm. His job was to supervise the work at a construction site. Once the job would be overs, he used to be shifted to another construction site. Thus, the nature of his job was to move from one place to another place.
महेंद्र एक फर्म में जूनियर कंस्ट्रक्शन सुपरवाइजर था। उनका काम एक निर्माण स्थल पर काम की निगरानी करना था। एक बार काम खत्म हो जाने के बाद, उसे दूसरे निर्माण स्थल पर स्थानांतरित कर दिया जाता था। इस प्रकार, उनकी नौकरी की प्रकृति एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की थी।
Iswaran: Amazing Servant and Entertainer
Mahendra’s needs were simple as he was a bachelor. He had kept a servant named Iswaran for domestic work. Iswaran followed Mahendra without any complaint. He cooked for Mahendra, washed his clothes and cleaned his shelter. In leisure time, Iswaran read Tamil thriller stories and this affected him so much that even a small incident like a fallen tree appeared to him a bushy beast. Iswaran described everything in detail and weaved a new story full of thrill and horror to Mahendra every day. He played the role of a TV in providing entertainment to Mahendra.
कुंवारे होने के कारण महेंद्र की जरूरतें साधारण थीं। उसने घरेलू काम के लिए ईश्वरन नाम का नौकर रखा था। ईश्वरन ने बिना किसी शिकायत के महेंद्र का अनुसरण किया। उसने महेंद्र के लिए खाना बनाया, उसके कपड़े धोए और उसका आश्रय साफ किया। फुर्सत के दिनों में ईश्वरन तमिल थ्रिलर कहानियां पढ़ते थे और इससे वे इतने प्रभावित हुए कि एक पेड़ के गिरने जैसी छोटी सी घटना भी उन्हें एक जंगली जानवर लगने लगी। ईश्वरन ने सब कुछ विस्तार से बताया और महेंद्र के लिए हर दिन रोमांच और डरावनी एक नई कहानी बुनी। उन्होंने महेंद्र को मनोरंजन प्रदान करने में एक टीवी की भूमिका निभाई।
Iswaran Narrates Story of a Tusker
Once, Iswaran told Mahendra a story about his schooldays describing a tusker (wild elephant) and how he behaved when he got mad. The tusker escaped out of a timber yard, destroying everything that came in his way. It entered Iswaran’s school. Everyone there was terrified but not Iswaran. He grabbed a cane from a teacher’s hand and faced the mad tusker boldly. He hit sharply with the cane onto the third toe of one foot of the elephant and it shivered and collapsed. At this point, Iswaran would leave the story and Mahendra remained in a dangling situation.
एक बार, ईश्वरन ने महेंद्र को अपने स्कूली दिनों के बारे में एक हाथी (जंगली हाथी) का वर्णन करने वाली कहानी सुनाई और बताया कि जब वह पागल हो जाता था तो वह कैसे व्यवहार करता था। टस्कर अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को नष्ट करते हुए लकड़ी के बाड़े से बाहर निकल गया। इसने ईश्वरन के स्कूल में प्रवेश किया। वहां हर कोई डरा हुआ था लेकिन ईश्वरन नहीं। उसने एक शिक्षक के हाथ से एक बेंत पकड़ ली और पागल हाथी का साहसपूर्वक सामना किया। उसने हाथी के एक पैर के तीसरे पैर के अंगूठे पर बेंत से जोरदार प्रहार किया और वह कांप कर गिर गया। इस बिंदु पर, ईश्वरन कहानी छोड़ देता है और महेंद्र झूलने की स्थिति में रहता है।
Iswaran Narrates Story of a Ghost and Mahendra’s Reaction
On another occasion, one auspicious day, he weaved a story about a ghost woman holding a foetus in her hands on a full moon night. Mahendra asked him to stop telling him such nonsense stories as Mahendra did not believe in ghosts and there are no such type of figures.
एक अन्य अवसर पर, एक शुभ दिन, उसने एक भूतनी महिला के बारे में एक कहानी बुनी, जो पूर्णिमा की रात अपने हाथों में एक भ्रूण रखती है। महेंद्र ने उसे ऐसी बकवास कहानियां सुनाना बंद करने के लिए कहा क्योंकि महेंद्र भूतों में विश्वास नहीं करता था और इस प्रकार के आंकड़े नहीं होते हैं।
Mahendra’s Encounter with Ghost
After a few days, Mahendra was woken up by some noise near his window sill during the night. First he thought that it was some sort of small animal like a cat, but the noise became louder and louder.
When he peeped through the window, he thought that he saw a cloudy figure clutching a bundle near his window sill. Mahendra could not sleep any more that night. In the morning, Iswaran smilingly asked about the sound and the woman ghost. He also complained about how Mahendra had chided him the other day. Mahendra was so upset that he resigned his site job immediately.
कुछ दिनों के बाद, महेंद्र रात के समय अपनी खिड़की की चौखट के पास किसी शोर से जाग गया। पहले उसने सोचा कि यह बिल्ली जैसा कोई छोटा जानवर है, लेकिन शोर और तेज हो गया।
जब उसने खिड़की से झाँका, तो उसने सोचा कि उसकी खिड़की की चौखट के पास एक बादल की आकृति एक गठरी को पकड़े हुए है। उस रात महेन्द्र सो नहीं सका। सुबह ईश्वरन ने मुस्कुराते हुए आवाज और महिला भूत के बारे में पूछा। उसने यह भी शिकायत की कि कैसे महेंद्र ने दूसरे दिन उसे डांटा था। महेंद्र इतना परेशान था कि उसने तुरंत अपनी साइट की नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
Conclusion of Iswaran the Storyteller
The chapter – Iswaran the Storyteller illustrates a lesson that we should not get carried away by stories shared by other people or assume it as reality. We should apply our own wit and intelligence before we see it with our own eyes. Don’t be quick to believe what you hear because lies or rumours spread faster than the truth.
अध्याय – ईश्वरन द स्टोरीटेलर एक सबक दिखाता है कि हमें अन्य लोगों द्वारा साझा की गई कहानियों से दूर नहीं जाना चाहिए या इसे वास्तविकता नहीं मानना चाहिए। इससे पहले कि हम इसे अपनी आँखों से देखें, हमें अपनी बुद्धि और बुद्धि का उपयोग करना चाहिए। सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास करने में जल्दबाजी न करें क्योंकि झूठ या अफवाहें सच से ज्यादा तेजी से फैलती हैं।
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